संविद गुरुकुलम में मनाया गया गणेशोत्सव


पर्व और उत्सव हमारे महान देश की अनूठी प्रस्थापना हैं। उत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों के प्रदर्शन तक ही सीमित नहीं होते हैं। उत्सव लोगों को अपने रिश्तों को नए आयामों में जोड़ने, संवाद करने और समन्वय करने में मदद करते हैं, नीरस दिनचर्या को तोड़ते हैं, जीवन में प्रसन्नता भरते हैं और हमारे जीवन में जीवंत रंग और खुशियाँ लाते हैं।

इन सभी पर्व-उत्सवों में से, गणेश चतुर्थी सबसे मनाया जाने वाला महापर्व है। इस दिन भगवान गणेश का जन्मदिन होता है। इस त्योहार को विनायक चतुर्थी या गणेशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।

इस महापर्व के उपलक्ष्य में, समविद गुरुकुलम के विद्यार्थियों ने भी इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल परिसर में गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ हुई। छात्रों और शिक्षकों द्वारा गणेश का स्वागत किया गया, उसके बाद आरती के साथ रंगारंग कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है। वह हमें एकाग्र रहने और नियमित अध्ययन पर बेहतर ध्यान केंद्रित करने का आशीर्वाद देते हैं। सुख देने वाले और दुखों को हरने वाले देव हैं गणेश। अपने साथ रिद्धि और सिद्धि का आशीर्वाद देते हैं। प्रथम पूज्य गणेश जगतपालक हैं तो वही सम्पूर्ण जगत भी हैं। माता पिता के आशीष में, जगत में पूज्यनीय बना देने की क्षमता है। गणेशजी इस तथ्य को चरितार्थ करते हैं। सामाजिक दृष्टिकोण में माता पिता की अनिवार्यता के साथ, उनकी संतुष्टि की अनिवार्यता को बल देने वाले देव हैं गणेश। जिनकी उपस्थिति मात्र किसी भी कार्य के निर्विघ्न संपन्न होने की निश्चितता कर दे, वो देव हैं गणेश। संकट हरते, सुख करते, दर्शन मात्र से मनकामना की पूर्ति करते हैं गणेश।

सनातनी राष्ट्रवाद का परम एवं चरम बिंदु है गणेशोत्सव। भारतीय सनातनी समाज को विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध संघर्ष करने की प्रेरणा देने के विचार के साथ बालगंगाधर तिलक ने इसकी शुरुआत की थी, देखते ही देखते ये सम्पूर्ण महाराष्ट्र और भारत में मनाया जाने लगा।

संविद गुरुकुलम के छात्र हमेशा ऐसे आयोजनों में बहुत रुचि लेते हैं। इस तरह के आयोजनों का मकसद अपनी महान संस्कृति से जुड़े रहना और इस दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाना है। छात्रों में इस प्रकार के आयोजन उनकी संस्कृति से जुड़ाव के लिए बहुत आवश्यक हैं।

कार्यक्रम में बच्चों ने गणेश वंदन के साथ उनके गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतिकरण के साथ अपने विचार भी व्यक्त किये। साथ में प्राचार्या श्रीमती आस्था जी ने भी अपने विचारों से छात्रों को अवगत कराया।

आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!!

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