संविद एक्सपर्ट स्कूल ‘स्वाबलंबन से स्वाभिमान तक’

By June 8, 2021September 18th, 2023Blog

स्वाबलंबन से स्वाभिमान तक!!

ये संविद एक्सपर्ट स्कूल की टैग लाइन ही नहीं है, एक सफर की दास्तान है। सफर, जिंदगी का, जिसमें जीवन जीने की बुनियादी जरूरतों पर माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने भी गौरवपूर्ण जीवन की आवश्यकता का अनुमोदन किया है। स्वाबलंबन एक सीढ़ी है गौरवपूर्ण जीवन का, गरिमामय उपस्थिति का, स्वीकार्यता का। 

महिलाओं के लिए स्वाबलंबी जीवन हर दूसरी चीज से अधिक महत्वपूर्ण है। जीवन की गरिमा बनाये रखने के लिए, बहुत महत्वपूर्ण। जिस माहौल में महिलाओं को रहना होता है, उसमें उनकी सहअस्तित्व की अस्मिता एक स्वस्थ मानसिकता के समाज के लिए आवश्यक है। 

लज्जा के साथ स्वाभिमान भी महिलाओं का आभूषण है। लज्जा थोड़ी ओवररेटेड है, क्यूंकि सिनेमा में इस गुण को बेच सकना आसान होता है। ‘गांव की गोरी’ की कहानी गढ़ती सिनेमैटिक नौटंकी को स्वाभिमानी नहीं, लजाती महिला भाती है, क्यूंकि लाज काढ़े महिला की तस्वीर बिकती है, स्वाभिमान के साथ सर उठा चलती महिला, नीचे से ऊपर जाते हर तबके को बर्दाश्त कहाँ?

इसी समाज की ठुकराई हुई महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने की कहानी का नाम है – संविद एक्सपर्ट स्कूल। साध्वी ऋतंभरा, जिन्हें उनके अगाध सम्मान के कारण दीदी माँ जी कहा जाता है, उनका नाम लिखने से पहले, उनके नाम के आगे परमपूज्य क्यूँ लग जाता है, उसका उत्तर है – संविद एक्सपर्ट स्कूल। ये स्कूल अभी अपने प्रारंभिक चरण में है, लेकिन इसके स्थापन की सोच की वजह से ये आज लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

कुटीर उद्योगों की शकल में महिलाओं को कम लागत के व्यावसायिक उपक्रमों की जानकारी देना, पापड़ अचार बड़ी और दूसरी चीजें बनाना सिखाया जाता है यहाँ, बेचा जाता है, जिससे इन महिलाओं को ट्रेनिंग के साथ अर्निंग का अर्थ समझ आता है। संविद एक्सपर्ट स्कूल सच्चाई है महिलाओं के हुनर को हौसले के साथ आगे बढ़ा हाथ से हाथ मिलाने की, मैं और तुम से हम होकर अपनी विजय का शंखनाद करने की। 

संविद एक्सपर्ट स्कूल, वात्सल्यग्राम के शांत और सुरम्य वातावरण में बढ़ रहा है। यहाँ खाने पीने की चीजें बनाने के अलावा, ब्यूटी पार्लर, हथकरघा, सॉफ्ट टॉयज और कई अन्य चीजें भी बनाई जाती है, जिससे महिलाओं के अंधमय जीवन में अर्थपूर्ण सवेरे की किरण दस्तक दे, ख़ुशी की चिड़ियों की ध्वनि गूंजे और स्वाबलंबी जीवन उन्हें गरिमामय अस्तित्व के साथ स्वाभिमान के साथ सर उठा कर चलना सिखाये। सनद रहे, जिस समाज में महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ होती है, वहाँ सम्पन्नता का वास और सुरक्षित परिवेश हो ही जाता है। 

अगर आप इन महिलाओं के हाथ और मजबूत करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित वेबलिंक पर क्लिक कर सहयोग कर सकते हैं। 

http://psp.vatsalyagram.org/donate/

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