राजनीति के बाबूजी: आदरणीय श्री कल्याण सिंह जी को श्रद्धांजलि


भारत की राजनीति का केंद्रबिंदु, पिछले तीन दशक से अयोध्या रही है। कभी इक्ष्वाकु वंश की राजधानी कालांतर में इतनी महत्वपूर्ण होगी, सतयुगीय भगवान श्रीराम चंद्रजी जी ने भी सोचा होगा? अयोध्या को उसका वास्तविक स्वरुप मिलने को है, राममंदिर अपनी दिव्य भव्यता के लिए अगले कुछ वर्षों में पहचाना जाएगा। विश्व पर्यटन के मानचित्र पर अयोध्या एक नवांकुर है जो पुष्पित, पल्लवित होकर राजकोष को राजस्व की सुगंध से महका देगा, जिसके कारण विकासकार्य निर्बाध रूप से आगे बढ़ेंगे। अयोध्या का अर्थ विकास और प्रगति होगा।

लेकिन अयोध्या के इस स्वप्नरूप के मूर्तरूप में परिवर्तित होने का सबसे बड़ा श्रेय जिन आदरणीय कल्याण सिंह जी को जाता है, उनका कल यानी 22 अगस्त को निधन हो गया। भारतीय राजनीति के बाबूजी चले गए। वे 89 वर्ष के थे। लखनऊ के संजय गाँधी पीजीआई में भर्ती थे। उन्हें संक्रमण एवं सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी।

विभिन्न राजनितिक हस्तियों, जिनमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री आदि ने शोकसंवेदनाएँ प्रकट कर उनके जाने को दुखद बताया। उत्तर प्रदेश में तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है।

बेहद सुलझे हुए एवं शिक्षा में शुचिता के विचारक श्री कल्याण सिंह जी ने नकलविहीन परीक्षा की संकल्पना की और परीक्षाओं में नक़ल रोकने को सारा प्रशासनिक अमला लगा दिया। ये सम्मान था, मेहनत का, शिक्षा को विद्या समझने का, ईमानदारी और स्वाभिमान के भावों को इससे बेहतर कोई कैसे सम्मानित कर सकता था।

आदरणीय कल्याण सिंह जी की एक और पहचान थी, जिसके लिए वो सदैव गौरवान्वित रहते थे। राम कारज हेतु उन्होंने अपनी सरकार का त्यागपत्र तक सौंप दिया लेकिन रामभक्तों पर गोलीबारी नहीं होने दी। इस आदेश के कारण उन्होंने ढांचा गिरने की जिम्मेदारी भी खुद ओढ़ ली। अपनी जिम्मेदारी मानते हुए, जेल भी गए लेकिन राममंदिर निर्माण का ध्येय जीवनभर ह्रदय में धारण किये रहे। कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तरप्रदेश के अतरौली में हुआ था. उनके पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी और मां का नाम सीता देवी था।

वृन्दावन के वात्सल्यग्राम की स्थापना में श्री कल्याण सिंह जी का अहम योगदान रहा। समाज की सेवा के इस अग्रणी प्रकल्प के संकल्पों को देखते हुए आदरणीय श्री कल्याण सिंह जी ने कानूनी जटिलताओं के समाधान में अग्रणी भूमिला निभाई।

एक अग्रणी जननायक, नक़ल जैसी छोटी किन्तु चिंचित करती सामाजिक बुराइयों को दूर करते जननायक, अतुलित रामभक्त, पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह जी को वात्सल्य परिवार की ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।

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