मीरा के माधव का द्वार – वृन्दावन में है ये अलौकिक संसार

By June 10, 2021August 10th, 2023Blog

विवाह मनुष्य जाति के महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। भारतीय समाज में ये दो व्यक्तियों का ही नहीं अपितु दो परिवारों का बंधन माना जाता है जिसके अटूट होने का अर्थ है कि चाहे जितने भी मतभेद हों, विवाहित साथ में रहकर अपने विवाद सुलझा ही लेते हैं क्यूंकि हमारे समाज में संबंध विच्छेद जैसी कोई चीज नहीं। संबंधों को आत्मा के साथ बांध एक जिम्मेदारी होती है जिसमें एक दूसरे के साथ सबकुछ बांटा जाता है, भावनाओं के साथ।

विवाह करने से पहले विवाह स्थल की खोज बहुत जरुरी हो जाती है। गंतव्य स्थल तक सुगम पहुंच और उस स्थल का माहौल यदि शुद्ध और सात्विक हो तो वाह वाली फीलिंग बहुत आम हो जाती है। आज हम आपको एक ऐसे ही गंतव्य के बारे में बता रहे हैं जिसमें आपको मिलता है एक खास एहसास, मिटटी की सौंधी खुशबु और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ।

मीरा माधव निलयम – माधव का घर

मीरा माधव निलयम वृन्दावन की पावन रज में स्थित वात्सल्यग्राम में स्थित है। वृन्दावन के दर्शनीय स्थलों में से एक वात्सल्यग्राम में स्थिल इस विवाहस्थल में यूँ तो बहुत कुछ वांछनीय है लेकिन कुछ चीजें हैं जो इसे आम लोगों के लिए ख़ास बनती हैं। मथुरा-वृन्दावन मार्ग पर स्थित ये विवाहस्थल अपने सजावट, नैवैद्यम नामक रेस्टॉरेंट में मिलने वाले प्रसादम के लिए प्रसिद्द है लेकिन इसकी अनुपम छटा इसे अद्वितीय अप्रतिम और अलौकिक बना देती है।

यूँ तो आपने मीरा बाई के माधव के लिए दैविक प्रेम के बारे में जरूर पढ़ा सुना होगा लेकिन उनका माधव के साथ मंदिर बहुत जगह नहीं है, ये स्थल बनाया ही मीरा और माधव के नाम पर है जिसके साथ तमिल शब्द ‘निलयम’ जुड़ा है जिसका अर्थ है ‘घर’ अर्थात वह घर जहाँ मीरा और माधव रहते हैं, वियोग में नहीं किन्तु माधव के साथ उनके सामने मीरा भजन जाती हैं। सुनना हो तो एक बार यहाँ घूम कर जरूर आइये।

नैवैद्यम – सात्विक और स्वादिष्ट भोजन

यहाँ भोजन को प्रसादम कहा जाता है और यही कारण है कि नैवैद्यम में बनने वाले भोजन को पूर्णतः सात्विक और शुद्धता के उच्च मानकों पर ही बनाया जाता है। यहाँ मिलने वाले भोजन की एक और खास बात है कि ये प्याज और लहसुन मुक्त भोजन है क्यूंकि वृन्दावन और मथुरा में प्रवास करने वाले साधुजन प्याज/लहसुन का सेवन वर्जित मानते हैं, उसी ऋषि परंपरा को दृष्टिगोचर करते हुए यहाँ प्याज/लहसुन पूर्णतः वर्जित है।

किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ का सेवन लोगों के यहाँ रहने के अधिकार को वंचित करता है और उन्हें बाहर भी निकाला जा सकता है।

विवाह मंडप


विवाह में किसी भी प्रकार के व्यवधान से बचने के लिए एक विशेष मंडप की व्यवस्था मंदिर प्रांगण के समीप ही की गयी है जिससे विवाह जैसे पवित्र कार्य निर्विघ्न संपन्न हों और एक नवजीवन की शुरुआत पावन और पवित्र हो जाये।

हवादार और बड़े कमरे, वातानुकूलित स्वच्छ वातावरण

कमरे बड़े और हवादार हैं। कमरों में वातानुकूलित यंत्र की भी समुचित व्यवस्था है। स्वछता इस स्थल की प्राथमिकताओं में है और थका देने वाले उत्सव के बाद आरामदायक शांति और सुरक्षा इस स्थल की विशेषता है।

बैंक्वेट हॉल और बाहर खुला लॉन

आपकी आवश्यकताओं के अनुसार यहाँ बड़ा और विशाल बैंक्वेट हॉल है तो बाहर विशाल लॉन भी, जिसमे विवाह जैसे महापर्व की तैयारी कर विवाह को आनंदोत्सव में परिवर्तित कर दिया जाता है। बैंक्वेट हॉल में एक साथ 200 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था है। चौंसठ कमरे भी चार तलों पर उपयुक्त रूप से उपस्थित हैं।

सोचिये जिस जगह विवाह जैसे कार्यक्रम हो, वहां पहले से मीरा माधव का मंदिर हो, साथ में उसी स्थल पर माँ सर्वमंगला का मंदिर बन रहा हो जिसमें तीन गुणों, सत रज और तम की अवधारणा के साथ मंदिर निर्माण हो रहा हो, जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक प्रकाश से जीवन आनंद से परिपूर्ण हो रहा हो, उससे अच्छा विकल्प कहीं और कैसे हो सकता है?

अगर आप डेस्टिनेशन वेडिंग का विचार कर रहे हैं तो मीरा माधव निलयम से उपयुक्त विकल्प आपको नहीं मिलेगा, आइये और घूम कर देखिये। मीरा के माधव के धाम जैसी जगह है कहीं? कहीं नहीं।

Leave a Reply